पहलगाम आतंकी हमले पर दिल को झकझोर देने वाली कविता।। @kavita kunji @pahalgam terror attack
पहलगाम
दरिंदों के नापाक इरादों ने,
कुछ मासूमों को निगल लिया।
नाबालिग बेटे के आगे,
बाप को उस से छीन लिया।।
किसी बहिन के भाई को छीना,
तो किसी बेटी का सिंदूर पौंछ दिया।
जिन्होंने फक्र से बोला ''हम हिंदू''
बस यह सुन उनको रौंद दिया।।
नवदुल्हन ने मौत की बिनती की,
अपने पति संग जान गंवाने को।
मोदी को संदेश देने को,
उस कायर ने 'हिमांशी' को छोड़ दिया।।
वीभत्स जघन्य- अपराध,
दुष्टों ने मानवता का कत्ल किया।
दरियादिली देखो भारत की,
फिर भी उनको वक्त दिया।।
दुस्साहस की सजा मिलेगी तुझको,
तूने अखंड भारत को छेड़ा है।
क्षमा योग्य नहीं कृत्य तेरा,
हुई असहाय देश को पीड़ा है।।
बड़ा भयावह इंतकाम,
होगा इस कृत्य के बदले में।
कुछ तो घुस के मारे जायेंगे,
कुछ मर जायेंगे सदमे में।।
इंसा अल्लाह ताला तेरे,
अब उन दुष्ट मुल्लों को डरना होगा।
कृष्ण अगर तू हिंदू है,
तो आज सुदर्शन चलना होगा।।
Dil ko chhoo lene wali dard bhari kavita
जवाब देंहटाएंNice poem
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