Awesome Poem Of Husband And Wife - पति और पत्नी की एक सुंदर कविता

हमेशा गलती पति की


कारण कलेश का कुछ भी हो, चाहे गलती हो किसी की।

लेकिन एक मात्र इस रिश्ते में, हमेशा गलती पति की।।


गूंथने में किया गीला आटा, दोष पति का क्यों ध्यान बांटा।।

खुद गलती की हाथ जलाया, दोष पति का बातों में लगाया।


कभी गुस्से में बच्चे ठोंके, दोष, पति ने गुस्सा लगाई।

बोतल को बेग में रखना भूलीं, तो आपने क्यों नहीं याद दिलाई।।


चलने में खुद टेबल से भिड़ी, जरूर तुमने टेबल पेला होगा।

घर की लाइट अगर बैठ गई, तो जरूर तार कोई छेड़ा होगा।।


कभी लेट हुई पंचायत में, लौटी जब बाहर बचा कोई मित्र नहीं।

पति से बोली मैं चाहे कहीं घूमूं, तुम्हें मेरी कोई फिक्र नहीं।।


सब काम टाइम से होता, गर तुम मुझे बाहर नहीं जाने देते।

वैसे हफ्ते में कभी कभार जाती हूं, आज काम तुम ही कर लेते।।


बच्ची का होमवर्क पड़ा है, जबकि ट्यूशन भी रोज गई थी।

गलती तुम्हारी, तुम्हे यही ट्यूशन वाली मिली थी।।


ठीक है देवी बच्चे भूखे सो गए, तुमने खाना भी नहीं बनाया।

खिला नहीं सकते थे होटल पर, बाहर कोई भूकंप थोड़े ही आया।।


खाना नहीं बना तो क्या, बच्चे वैसे कौन सा खाना खाते हैं।

सही पूछो तो बच्चे आपने, ला लाकर चॉकलेट बिगाड़े हैं।।


मत बोलो चुपचाप झेलो, मित्र यह परीक्षा है सहनशक्ति की।

याद रखो इस रिश्ते में, हमेशा गलती पति की।।



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