हिंदी पखवाड़ा।। ऑपरेशन सिंदूर
Op Sindoor: Hindi Pakhwara
भारत के बीर सपूतों की, तू गाथा फिर से भूल गया।
यहां स्वाभिमान के लिए भगत सिंह, फांसी फंदा झूल गया।।
तू पहलगाम में धर्म पूछकर, कृत्य घिनौना कर बैठा।
पत्नी के आगे पति मारा और पिता मरा सम्मुख बेटा।।
तूने मोदी जी का नाम लिया, और भारत मां को दी गाली।
फिर यहां ब्योमिका और सोफिया, प्रकट हुई दुर्गा काली।
तेरा कायर दुष्ट कमीनापन ये सारे जग में फेल गया।
तू सरहद पर हमें ताक रहा, राफेल आसमान से पेल गया।।
न सरहद पार करी हमने, ना कानों कान की खबर लगी।
तू अब्बा अम्मी चिल्लाया, जब छाती पर तेरे बम गिरी।।
बोफोर्स मिजाइलें गूंज रहीं, और नृत्य सुखोई का देखा।
राफेल ने चौकड़ी भर भर कर, बॉम्बो को निशाने पर फेंका।।
कश्मीर की सरहद पर रजनी में, चांदनी चौक सा लगने लगा
मुल्ला मुनीर शाहबाज को लेकर, यू एस ए को भगने लगा।।
नौ आतंकी ठिकाने ध्वस्त हुए, लाहौर की जड़ें हिला डाली।
तरस आ रहा था तुझ पर, तेरी जनता तुझे दे रही गाली।।
दो दिन का झटका-न-झेल सका, तू ट्रंप के पैर पड़ा जाकर।
आज खुली चुनौती भारत की, कोई लड़े सामने से आकर।।
यह नया भारत है मोदी का,और मोदी है तो मुमकिन है।
तू चुटकीभर का सौदा है, हमसे तेरी रात और दिन है।।
बाप को बाप समझ बेटा, अब बाप तरस नहीं खायेगा।
यह धमकी नहीं हकीकत है, तू नक्शे से मिट जायेगा