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कभी प्यार लुटाती कभी आंख दिखाती,
तो कभी मारपीट कर मजबूत बनाती।
तो कभी डांस सिखाती छम छम छम्मा,
ऐसी होती है मम्मा।।
कभी सीने से लगाती,दूध पिलाती,
कभी खुद ही रुलाती, खुद ही हंसाती।
जीवन में जलाती है शम्मा,
ऐसी होती है मम्मा।।
उंगली पकड़ चलना है सिखाती,
घुटनों पर भी खूब भगाती।
कभी बोलना सिखाती है मम्मा,
ऐसी होती है मम्मा।।
रोज नहलाती, मालिश करती,
हड्डी को मजबूत बनाती।
कभी पीठ ठोंकती, धम धम धम्मा,
ऐसी होती है मम्मा।।
अच्छी अच्छी बात बताती
खेल खेल में हमें सिखाती
कभी बच्चा बनती तो कभी अम्मा
ऐसी होती है मम्मा।।