#poemonsoldier #bestpoetry #faujiparkavita #kavitakunji
Shahid Fauji Ki Juwani
सम्मान हमको मिले, ऐसी हमारी मंशा होती नहीं।
जान जाए देश हित में, यह बात कोई छोटी नहीं।।
खुद जान की परवाह नहीं, क्योंकि देश सर्वोपरि है।
फिर साथी की सुरक्षा, मेरा तो अंतिम वेल्फर है।।
देश ही परिवार मेरा, मां बाप हिंदुस्तान है।
अंतिम सांस भी तुझको समर्पित,यह उस्तादों का ज्ञान है।।
इच्छा सिर्फ एक है और दुआ भी भगवान से।
मेरी मौत हो तो ऐसी हो, प्राण निकले सीना तान के।।
कोई गम नहीं है देश हित में, प्राण की बाजी लगे।
इंकलाब की गूंज हो और तिरंगे से अरथी सजे।।
बस प्रभु तू इतना करना, जो मर सकूं मैं चैन से।
मेरे परिवार को इतनी शक्ति देना, वो पार हो सके अंधियारी रैन से।।
मेरे ख्वाब मरें, सपने भी मिटें, मुझको कोई गम नहीं है।
मेरे मां-बाप की आंखों में आंसू, यह गम मेरे लिए कम नहीं है।।
मरना तो प्रकृति का विधान, पर दुश्मन को सबक सिखाऊंगा।
मैं गर्व से कहता हूं भारत, तेरी खातिर हर एक जन्म, मैं इस कुरुक्षेत्र में आऊंगा।।