Daru par kavita l Poem On Sharab

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शराबियों के प्रकार


भिखारी भी दारू पीकर बनता है साहूकार।
आज विस्तार से बताता हूं शराबियों के प्रकार।।

सन सतनाबे में शराबियों के परीक्षण से आंका गया।
शराबियों की किस्म को चार भागों में बांटा गया।।

नंबर चार पर प्यार के ठुकराए आशिक आते हैं।
घटिया किस्म के शराबी मयखाने में पीने जाते हैं।।

ये ज्यादातर कर्जा लेकर के पीते हैं।
जिंदगी को एक बोझ समझकर के जीते हैं।।

सूची में नंबर तीन पर उन शराबियों का ब्योरा है।
हर रोज पी रहे हैं जीवन अधूरा है।।

ये लगभग नब्बे फीसदी शादीशुदा हैं।
वाकी दस फीसदी शादी के बावजूद बीबी से जुदा हैं।।

ये हर रोज दारू पीकर घर आते हैं।
दरवाजा अक्सर पड़ोसी का खटखटाते हैं।।

नंबर दो की सूची में अक्सर शराबियों की संख्या कम है।
इनके दिल में कोई ठेस या फिर कोई गहरा गम है।।

ज्यादातर ये लोग जोड़े से पीते हैं।
समझकर चार दिन की जिंदगी एंजॉय से जीते हैं।।

नंबर एक के शराबियों में अमीर लोग बेशुमार हैं।
उद्योगपति, नेता और उच्चाधिकारी और उनका परिवार हैं।।

ये दारू, मदिरा, शराब नहीं सोमरस समझ पीते हैं।
खुद को कलियुगी देव और धरती को देवलोक समझ जीते हैं।।

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