गजब की विज्ञान गजब के यंत्र बना डाले।
बालक खातिर, तमाम बालिका भ्रूण मार डाले।।
किसने दिया अधिकार आपको उन्हें मारने का।
क्या इतना भी दम नहीं था उन्हे पालने का।।
परिणाम तो भोगने होंगे कुदरत का उसूल है।
मेरा कोई क्या करेगा यह अहिंकारमय भूल है।।
जीवन एक ड्राइंगशीट, जिंदगी रंगीन इमेज है।
तूने रंग भी कपट से भरे,क्या खूब दिमाग तेज है।।
एक खातिर दूसरी की बलि चढ़ाई शौक से।
निर्दोष चीख चिल्लाती रही तेरे भयावह खौफ से।।
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