प्रिय दोस्तो ! अपने जीवन में हर व्यक्ति का लक्ष्य निर्धारित कर जीवन को विकसित करना होता है या यूं कहें कि लक्ष्य प्राप्त कर मन में शांति एवं खुशी पाना होता है। मेरी कविताएं कहीं न कहीं इस मार्ग में आपको प्रेरित कर आपको लक्ष्य तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होंगी।
लक्ष्य
अपने आप को जानो अपनी कमियां ढूंढ सुधार करो।
लक्ष्य का पथ मुश्किल हो सकता असंभव नहीं स्वीकार करो।।
चल उठ फिर से मत द्वंद पाल, इन बहानों को दर किनार करो।
तेरे अंदर जो छुपी हुई उस शक्ति का आह्वान करो।।
कोई उम्र नहीं वीरों की होती अपनी शक्ति से प्यार करो।
करने के लाखों उपाय मिलेंगे बस अपने को तैयार करो।।
सब खेल है इच्छाशक्ति का उठ वीरों सा श्रृंगार करो।
जो बुझी पड़ी चिंगारी है उसे फूंक अंगार करो।।
घनी समस्या हैं सबकी मार छलांग इन्हे पार करो।
शेर की भांति पीछे हटकर पूरी शक्ति से बार करो।।
”धर्मेंद्र” धर्म के पथ पर रहकर नैतिकता स्वीकार करो।
कोई कितना भी लालच दे तुमको तृष्णा का इंकार करो।।
अपने आप को जानो अपनी कमियां ढूंढ सुधार करो।
लक्ष्य का पथ मुश्किल हो सकता असंभव नहीं स्वीकार करो।।
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कर सकता है इंसान/ hindi kavita-ichchhashakti par/ best hindi poem on will power
करने को क्या नहीं, कर सकता इंसान।
गर लोगों की भीड़ से निकल सकता इंसान।।
निसंदेह संघर्ष जिंदगी में जरूरी।
फिर क्यों कामचोर बन रहा इंसान।।
रुको,सोचो और आंकलन जरूरी है लक्ष्य का।
संकल्प ठान मेहनत करो लांघ दो विभीषिका।।
आज इंसान नहीं सही पाठ कुदरत सिखाती।
झुकना जो डाली जानती उससे आंधी भी हार जाती।।
वरना जो तनकर खड़ा, उसका टूटता है अभिमान।
निश्चित सफलता है तेरी, फिर से उठ चल दृढ़ संकल्प ठान।।
जिसके प्रति समर्पण हो, उसका ब्रह्मूर्त में ध्यान करो।
मत निकाल कभी उसमें कमियां,बस अंतःकरण में गुणगान करो।।
भेद उजागर तब तक न हो, जब तक लक्ष्य को पा ना लो।
क्या पता आम खट्टा निकले,चुप्पी साधो जब तक खा ना लो।।
ये दुनियां बड़ी दोगली है, विश्वास रखो सिर्फ अपने पर।
दूर रहो कुदृष्टि से, जो आंच न आए सपने पर।।