ट्रेनिंग हिंदी कविता/best hindi poem on training/motivational poem/kavita kunji



ट्रेनिंग

ट्रेनिंग ही तो लक्ष्य भेदन की,
असली तालीम होती है।

बिना ट्रेनिंग के कहां,
सफलता अचीव होती है।।

मगर हमारी ट्रेनिंग में,
गजब की बात होती है।

हम जहरीले तब और होते हैं ,
जब मौसम खराब और अंधेरी रात होती है।।

शायद हम उस बजरंग वली जैसे हैं,
जिसे अपनी ताकत का आभास नहीं।

वैसे हम जिनके पास होते हैं,
उन्हे और किसी की आस नहीं।।

हम चीरते आसमां,
असीमित ज़मीन नापते हैं।

जो देखते हमें तिरछी नजर से,
वे हमारी रूह से कांपते हैं।।

हम पानी हैं पवन हैं,
और सुलगता शोला भी समझो।

मदद के लिए मरहम,
न तो मिसाइल का गोला भी समझो।।

ना जिद करें हमें पहचानने की,
हम तो सोच से परे हैं।

जहां लोग बुरी तरह थके पड़े हैं,
हम वहां से मिशन पर जाने को खड़े हैं।।

दोस्तो हम कुछ और हैं,
इंसान के भेष में।

एक ही लक्ष्य हमारा,
तिरंगा फहराता रहे सम्मान सहित देश में।

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