Aim Of Life - जिंदगी का मकसद
कभी सोचा है जिंदगी जीने का मकसद क्या है,
क्यों मेरी जरूरत सूर्य , चांद, तारे और ये हवा है।
असल मकसद जिंदगी का आखिर क्या है,
पैसे की भूख या कर्मों की सजा है।
वायदे जो किए खुदा से वो कुछ और थे ,
मगर यहाँ सब भुलाकर हुआ एक नशा है।
कभी सोचा है जिंदगी जीने का मकसद क्या है।
क्यों मेरी जरूरत सूर्य, चांद, तारे और ये हवा है।।
माया ने अपनी चाल में लपेटा जो ऐसे।
कि जिंदगी का मकसद हो गया हवा है।।
तीन के तेरह में फंसे बड़े चाव से,
कि कोई हमसे रूठा तो कोई ख़फ़ा है।।
कभी सोचा है जिंदगी जीने का मकसद क्या है।
क्यों मेरी जरूरत सूर्य, चांद, तारे और ये हवा है।।
काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार ने जकड़ा,
आज आदमी इन सब का गुलाम हो गया है।
जिंदगी का मकसद था प्यार से जीना,
मगर नफरत और इर्ष्या में जीना आम हो गया है।।
कभी सोचा है जिंदगी जीने का मकसद क्या है।
क्यों मेरी जरूरत सूर्य, चांद, तारे और ये हवा है।।
प्रकृति हमारे वास्ते और जुल्म भी उसी पर,
केदारनाथ त्रासदी इसकी गवाह है।
सूर्य, चंद्र और तारे, हैं अनुशासित अव भी,
फिर इंसान क्यों आखिर पगला गया है।।
कभी सोचा है जिंदगी जीने का मकसद क्या है।
क्यों मेरी जरूरत सूर्य, चांद, तारे और ये हवा है।।
मैं कौन हूँ? कहाँ से आया? ये सवाल अपने आप में बड़ा है
एक पल याद कर वह वहीं पर अब भी खड़ा है।।
मत भाग ऐसे लोगों को देख भीड़ में,
वक्त रहते भजन कर यह उसकी सलाह है।
कभी सोचा है जिंदगी जीने का मकसद क्या है।
क्यों मेरी जरूरत सूर्य, चांद, तारे और ये हवा है।।
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Motivational Poem