Kismat poem in hindi - किस्मत पर हिंदी कविता/hindi poem on kishmat/best poem on luck

         हम मनुष्य की मानसिकता बड़ी विचित्र है। जहां असफल हुए दोष किस्मत पर थोप देते हैं। जबकि दोष खुद का ही होता है। हम मेहनत नहीं करना चाहते, कठोर परिश्रम नहीं करना चाहते। बस बहाने ढूँढते हैं। न तो जन्म से अपाहिज एक बिना हाथों के जिलुमल मैरियट नाम की लड़की कैसे धड़ल्ले से कार चलाती है। 

inspirational poem – प्रेरणादायक कविता – किस्मत 

 सब मानते दोष किस्मत का, 

कि यह किस्मत ही हमें सताती  है। 

जबकि कसूरवार जिंदगी है, 
जो कभी हँसाती है, तो कभी रुलाती है।। 

वैसे भूमिका तो बड़ी है, जीवन में कर्म की,,
बिना इसके जिंदगी, एक कदम नहीं बढ़ पाती है। 

हाथों की लकीरों में किस्मत ढूँढ़ते हो, 
तो फिर बिना हाथों वाली ”जिलुमल” कैसे कार चलाती है। ।

किस्मत को तो खुद इंसान बनाता है,
और इंसान को अच्छा इंसान, मेहनत बनाती है। 

कुछ भी असंभव नहीं अगर चाहे इंसान तो, 
मेहनत का सब खेल है, किस्मत नाम कमाती है।। 

किस्मत, भाग्य, शायद, संयोग ये असफलों के शब्द हैं, 
वरना मेहनती मर्द ही नहीं महिला भी, नया इतिहास रचाती है।। 

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