सैनिक के साथ छलावा
एक हवलदार जी पेंशन आए।
मोटी रकम देख गांव वाले मुस्कुराए।।
मनी इनवेस्टमेंट हेतु घने उपाय बताये ।
किसी ने गली, खेत, मौहल्ले में, तो किसी ने घर बुलाकर समझाये।।
किसी ने कहा दो चार सेकंडहेंड बसें खरीद डालो।
तो किसी ने कहा लालू की तरह पचास साठ गाय भैस पालो।।
बीस लाख कम नहीं लाइफ बदल जायेगी।
अगर इन्वेस्टमेंट सही लाइन में हो जायेगी।।
किन्तु कहाँ कोई अच्छा सलाहकार था।
अंदर से थी ईर्ष्या और बाहर से उसका यार था।।
सब के सब उसकी धनराशि के मातम में डूबे थे।
गाँव पूरा मेरे साथ है हवलदार जी इसमे भूले थे।।
फौजी के ज़ज्बात समझ पड़ोसी ने भड़काया।
हम तुम्हारे साथ हैं विधायकी का चुनाव आया।।
पूरा गाँव है फेवर में जीत आपकी होगी।
रिकॉर्ड तोड़ मतदान पड़ेगा पोलिंग डंप होगी।।
किस बात की देर दो लाख में टिकट खरीद डाली।
चुनाव प्रचार शुरू हुआ जेब होने लगी खाली।।
लोग दारु गुटखा, पेट्रोल भरायें और होटल पर खाएं स्पेशल थाली।
सामने से हवलदार जी जिंदाबाद और पीछे बजाते ताली।।
मतदान हुआ, परिणाम उजागर हवलदार जी की ज़मानत ज़ब्त।
खाली हाथ हवलदार रह गया, न कोई पास खड़ा इस वक़्त।।