मेरे प्रिय पाठको! लक्ष्य पर कविता लिखने का कवि का मकसद स्पष्ट है। कि वह अपनी इस कविता के माध्यम से यही संदेश देना चाहता हैै। कि इंसान का जीवन बिना लक्ष्य के एक पशु समान है। इसलिए हमें चंद एक बड़े व कुछ छोटे लक्ष्यों के साथ जीते हुए, समय समय पर जीवन का मूल्यांकन करते रहना चाहिए। धन्यवाद
लक्ष्य
हरकाम वश में है, अगर इंसान ठान ले।
हर लक्ष्य के दो पहलू हैं, पहले उन्हें जान ले।।
जरूरी नहीं जीत ही, हर लक्ष्य का अंत हो।
बस कर्म ऐसा कर, जिसमें हार का अंत हो।।
दुनिया खुश हो न हो, बस दिल में संतुष्टि हो।
लक्ष्य चुनने से पहले, हर मुश्किल की पुष्टि हो।।
भटकना वेबकूफी है, लक्ष्य पर निशाना साध कर।
आध्यात्मिकता को समझ और ऊर्जा का आयात कर।।
कोई लक्ष्य इंसान से बड़ा नहीं होता।
जीता वही जो उससे डरा नहीं होता ।।
याद रख सफ़लता सरेआम हार पर टिकी है।
हार ही तो इम्तिहान की घड़ी है ।।
धैर्य, लगन और संयम, ये सफ़लता की लगाम है।
सफ़लता स्वतंत्र नहीं, निःसंदेह आत्मविश्वास की गुलाम है।।
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Motivational Poem