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आत्मविश्वास
मैं किसी का गुलाम नहीं, आत्मविश्वास हूँ ।
ज्ञान, चरित्र, संयम, मैं इन तीनों का बाप हूँ।।
हर किसी की चाह है, मुझे पाने की ।
यह तो फ़ितरत है, इस ज़माने की।।
मगर बिना कुछ किए, कहाँ कुछ मिलेगा।
कुछ पाने के लिए जनाब, कुछ खोना पड़ेगा।।
सफ़लता कदम चूमेगी, जिसके मैं साथ हूँ।
ज्ञान, चरित्र, संयम, मैं इन तीनों का बाप हूँ।।
किंचित भूल कर जाते हैं,लोग मुझे पाने में।
राह से भटक कर लोग मुझे, ढूँढते हैं मयखाने में।।
जब कि मदिरा से न रिश्ता है, मेरा दूर दूर का।।
मात्र एक भ्रम है, नशा दो घूंट का।।
गुंजाइश नहीं अलगाव की, मैं हमेशा सत्य के साथ हूँ।
ज्ञान, चरित्र, संयम, मैं इन तीनों का बाप हूँ।।
मैं किसी का गुलाम नहीं, आत्मविश्वास हूँ।
ज्ञान, चरित्र, संयम, मैं इन तीनों का बाप हूँ।।
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Motivational Poem