तानाशाही हिंदी कविता/Dictatorship/tanashahi kya hai/tanashahi shasan/tanashahi aur loktantra ko samjhaie/tanashahi ka arth

कोई तो मतलब बतालाये, अभिब्याक्ति अज़ादी का।
चोर को चोर कहा अगर तुमने, नंबर है बर्वादी का।।

रामराज्य की करी कल्पना, चल रहा जंगलराज वहां।
सेना के सेनापति पिट रहे, नारी का अपमान वहाँ।।

आखिर क्या हो गया देश को, हो गए मूंक बधिर सभी।
आज सेना का लाचर सिपाही, जो था सरहद का वीर कभी।।

पीओके सा शहर लग रहा, नहीं सुरक्षित लोग वहाँ।
खुल्लम खुल्ला गुंडागर्दी, कानून ब्यवस्था नहीं वहाँ।।
न्यायपालिका दासी लगती, तानाशाह सरकारें हैं।
जो जिम्मा लिए सुरक्षा का, वे खुद लगते हत्यारे हैं।।

अब कहाँ शिकायत करें नागरिक, थाने में अपराधी हैं।
जो नेता चुनकर दिल्ली भेजे, वे बन गए जल्लादी हैं।।

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