महान हिंदुस्तान
हर समय झुठलाते रहे, अपने बल के गुमान में।
कभी प्यार की वाणी न बोली, बंदूक की तान में।।
क्या मज़ाल किसी की, इनके सामने जो जाता,
सर्वशक्तिमान थे, इस पूरे जहाँन में।
सिर्फ धोखा देते रहे, भारत को सम्मान में।।
आज संजीवनी भीख में मांग रहे, जो बनती हिन्दुस्तान में।
हमारे बासुदैव कुटुंबकम वसा है दिल और दिमाग में।।
फिर भी दरियादिली देखो, इस महान हिंदुस्तान की।
अपनों की छोड़ फिक्र, है उसे भिखारियों के जान की।।
हम धर्म उसूलों पर चलते, जो सीखे वेद पुराण में।
मत भूल यही वह भारत है, जहाँ जन्म लिया श्री राम ने।।
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