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झूठे रिश्ते नाते हैं

झूठे रिश्ते कविता जिंदगी में भाग दौड़ इतनी, आखिर मंजिल का भी कर पता। जिनके लिए तू मर मिट रहा, वे ही फूंकेंगे चिता।। कुछ अपने लिए भी वक्त रख और याद कर असली पता। साथ कुछ न जायेगा, फिर क्यों र…

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