Flaming Poem
Naam jaap । महिमा श्री हरि के नाम की
महिमा श्रीहरि के नाम की हे! प्रभु यह कैसा भ्रमजाल बना दिया। जिसने जो चाहा उसको उसी में रमा दिया।। आप सर्वशक्तिमान, जीव आप द्वारा पाला जाता। फिर क्यों विमुख होकर, जीव बेचारा भटक जाता। संकल…
महिमा श्रीहरि के नाम की हे! प्रभु यह कैसा भ्रमजाल बना दिया। जिसने जो चाहा उसको उसी में रमा दिया।। आप सर्वशक्तिमान, जीव आप द्वारा पाला जाता। फिर क्यों विमुख होकर, जीव बेचारा भटक जाता। संकल…