Political Poems



बिल्ली की हेकड़ी 

दिल्ली के चिड़ियाघर में, एक घटना देखने में आयी।
इंडियन बिल्ली चीनी तेंदुए पर घुर्रायी।।

बंदी तेंदुए को उसने खरी खोटी सुनाई।
तेंदुए को अपनी मर्दानगी पर शर्म आयी।।

मौका पाकर भारती की तरह बोलती गयी।
उल्टा तेंदुए को माफी मांगने को कही।।

तेंदुए की समझ में यह रास न आया।
आखिर क्यों बेवजह मुझे जा रहा डरा धमकाया।।

आखिर आज राज कुछ और था।
बिल्ली का कटघरा अमेरिकन शेर के पास था।।

उसके ऊपर शेर का हाथ था।
पाक-चीन की राजनीति का पर्दाफाश था।।

बोली तेरा मूक रहना फिलहाल अच्छा है।
मेरे पास आज शक्ति की समुचित मात्रा है।।

धमकी सुनकर तेंदुए ने इंग्लिश के बोले वर्ड।
“यू आर कैट डोंट फॉरगेट आइ एम लेपर्ड”

इंग्लिश सुनकर बिल्ली शरमा गयी।
तुरंत नियंत्रित होकर गरमा गयी।।

तू मुझे मत समझ बिल्ली मेरी बहुत दूर तक पहुंच है।
मैं गट्टी हूं तो क्या तेरी पूंछ जितनी लंबी मेरी मूंछ है।।

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